रविवार, सितंबर 04, 2011

निगम की खुदाई


इधर भी खुदा है उधर भी खुदा है
जिधर देखिए बस खुदा ही खुदा है
कहाँ ढूँढते हो यूँ दर दर भटककर
मेरे शहर में आओ खुदा ही खुदा है
खुदा गर नही है तो खुदाई के अरमाँ
जिधर खुद गया वो खुदाई से परेशाँ
सभी के बयाँ से इतना तो तय है
हर एक जर्रे में खुदा ही खुदा है
ये बेकार झगड़ा खुदा ले किए है
निगम की ये नेमत सबके लिए है
ये मंदिरोमस्जिद के झगड़े मिटाओ
खुदा चाहिए तो निगम को बताओ
ये तुम्हारे हैं चाकर तुम्हारी सुनेंगे
जिधर खुदा नहीं है कल खोद देंगे
बहुत मुश्किल है देखना खुदा की खुदाई
हैं कितने वो लोग जिन्हे ये देता दिखाई
हमने ही सरकार को ये समस्या बताई
बड़ी मुश्किलो से नगर  निगम है बनाई
जब तक न देखा था खुदा की खुदाई
बहुत चिल्ला रहे थे दुहाई दुहाई
 

2 टिप्‍पणियां:

  1. आजकल इलाहाबाद का भी यही हाल है

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  2. ये हाल हर शहर का है.....

    हर मुहल्‍ले का है....
    हर तरफ खुदा ही खुदा है.....

    गजब है अंदाज......

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