मंगलवार, सितंबर 27, 2011

भगत सिंह के जन्म दिवस पर

जन्मदिवस पर अमर शहीद भगत सिंह को कृतज्ञ भक्त की श्रध्दांजली
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लिखो  खूब  लिखो 
भूख प्यास त्याग कर
जज्बातो
ं को मार कर
गोरी के गाल पर
लहराते बाल पर
बल खाई चाल पर
मतवाले नैंन पर
सजनी बिन रैन पर
झील सी आँख पर
अगल बगल ताक कर
लिखो  लिखो ये भी लिखो 
उसका मुँह फेरना
आग का झरना                                   
वो आँखे झपकाना 
पद्मनाभ का सोना
उसका मिस काल
जैसे स्वयं कृपाल
उसकी  अंगड़ाई
जैसे प्रकटे रघुराई
अगर वो ना आई
मौत क्यूँ ना आई
लिखो लिखो खूब लिखो
किसने तुम्हे रोका है
किसने तुम्हे टोका है
मगर ऐ जवानी के मतवालों
कभी तो लिखो कुछ तो लिखो 
भारत माँ के लाल पर
उसके रक्तिम भाल पर
शहीदों के हाल पर
उनके बाल गोपाल पर
उस दुखियारी नार पर
उसके सूने द्वार पर
पथराई  आँख पर
उसके उजड़े माँग पर
कभी तो लिखो कुछ तो लिखो 
सीमा पर जिसके लड़ने पर
तुमने चैन से आँख लड़ाई है
उसके भूखे प्यासे रहने पर
तुमने अपनी डेट मनाई  है
वो सीमा पर जब शहीद हुआ
तेरे घर पर बकरीद हुआ
वो खेला जब खूँ की होली
तेरे घर मनी थी दीवाली
जब सेंक रहे थे तुम ठण्डी में आग
तब बुझ गया एक घर का चिराग
लिखो लिखो कभी तो लिखो
उल्टी सीधी जैसी बन पड़े
लिखो लिखो लिखकर तो देखो
सैनिक की जवानी पर
शहादत की कहानी पर
माँ की पथराई आँखो पर
सजनी के सूने माथे पर
गोपाल के बचपन पर के
लिखकर तो देखो
कसम भगवान की
हाथों से कलम छूट जायेंगे
चेहरे से तोते उड़ जायेंगे
ये गोरी के नखरे नहीं हैं
ऐ भटकी हुई जवानी
जो तेरे गिड़गिड़ाने से
दो चार पल में मान जायेंगे
अब भी वक्त है सम्भल जाओ
मना नही है वेलेंटाइन डे मनाओ
प्रेम पींगे बढ़ाओ
गोरी के नाज उठाओ
पर ऐ मनचलों
देश पर जो हुए शहीद
उन सपूतों को तो न भूल जाओ !

अमर शहीद युवा भगत सिंह को कृतज्ञ भक्त का सादर कोटिश: नमन  .....

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