चाह नहीं मैं निरमा बाबा के
चरणों में पहना जाऊँ
चरणों में पहना जाऊँ
चाह नहीं, सेक्सी मल्लिका के
चरण चिपक युवको को ललचाऊँ
चरण चिपक युवको को ललचाऊँ
चाह नहीं, मधु सप्रे पर
अगजर के संग डाला जाऊँ
अगजर के संग डाला जाऊँ
चाह नहीं, सचिन के किट बैग पर
कांधे चढ़ूँ भाग्य पर इठलाऊँ
कांधे चढ़ूँ भाग्य पर इठलाऊँ
चाह नहीं अम्मा का बनकर
खुद चलूँ और पूजा जाऊँ
मुझे निकाल कर सब जनता
उनके मुख पर मिलकर ठोकें
उनके मुख पर मिलकर ठोकें
मातृभूमि का शीश काटने
भूषण , बुकरी जो भी भौंके ।।
भूषण , बुकरी जो भी भौंके ।।
वाह वाह अजब गजब
जवाब देंहटाएंसुन्दर सुन्दर सुन्दर भाई
जवाब देंहटाएंउत्तम उत्तम उत्तम भाई
वाह भाई वाह
बहुत सुन्दर प्रस्तुति ||
जवाब देंहटाएंमेरी बधाई स्वीकार करें ||
क्या पैरोडी है....वाह..
जवाब देंहटाएंबहुत खूब ,,,,,,अंदाजे संजय ,,
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