विधानसभा चुनाव में
लोकतंत्र का पर्व मनाने
वोटर जैसे तैसे
मतदान केंद्र तक आया
केंद्र के मेन गेट पर लगे
सूचना फलक पर
उम्मीदवारों की सूची देखकर
दिमाग ने चक्कर खाया
सम्भलकर तमतमाता
पीठासीन अधिकारी के
टेबल तक आया
चिंता और कौतूहल के
मिश्रित अंदाज में
दबे स्वर में गरियाया
बाबू साहब
आपका नकली मतपत्र
बिल्कुल नकली है
पिछले चुनाव में खड़े
उम्मीदवारों के नाम तो ठीक हैं
पर उनके सामने चुनाव चिन्ह की
हो गई अदला बदली है
पीठासीन ने कहा रे मूरख
दुनिया बदल गई
पर तुने अपनी सोच नहीं बदली है
लंगोट अगर नहीं बदलो तो
हो जाती खुजली है
ये और बात है कि
अबकी इन महानुभावों
आपस में ही बदली है
मतपत्र बिल्कुल ठीक छपा है
पर ये बता तू यहाँ क्यूँ डटा है
वोटर ने शास्त्रीय अंदाज फरमाया
नेताजी ने कल जो बोतल थमाया
उसी का कर्ज उतारने
ये गरीब मतदान करने आया
अबे तूने ठीक से सुना नहीं होगा
आदरणीय नेताजी ने कहा होगा
तुम्हारा वोट कीमती है
“मत” दान करो
अपना नहीं तो कम से कम
नेता जी पर तो रहम करो
इन सबकी चिंता छोड़
कल की अगर दवा बची हो
तो उसी को निचोड़
इतनी गरीबी में
तू क्यूँ दान करने आया है
तेरी गरीबी पे तरस खाकर
आदरणीय नेताजी ने
किसी धर्मात्मा से
तेरा मत दान कराया है !! जय हो !!
लोकतंत्र का पर्व मनाने
वोटर जैसे तैसे
मतदान केंद्र तक आया
केंद्र के मेन गेट पर लगे
सूचना फलक पर
उम्मीदवारों की सूची देखकर
दिमाग ने चक्कर खाया
सम्भलकर तमतमाता
पीठासीन अधिकारी के
टेबल तक आया
चिंता और कौतूहल के
मिश्रित अंदाज में
दबे स्वर में गरियाया
बाबू साहब
आपका नकली मतपत्र
बिल्कुल नकली है
पिछले चुनाव में खड़े
उम्मीदवारों के नाम तो ठीक हैं
पर उनके सामने चुनाव चिन्ह की
हो गई अदला बदली है
पीठासीन ने कहा रे मूरख
दुनिया बदल गई
पर तुने अपनी सोच नहीं बदली है
लंगोट अगर नहीं बदलो तो
हो जाती खुजली है
ये और बात है कि
अबकी इन महानुभावों
आपस में ही बदली है
मतपत्र बिल्कुल ठीक छपा है
पर ये बता तू यहाँ क्यूँ डटा है
वोटर ने शास्त्रीय अंदाज फरमाया
नेताजी ने कल जो बोतल थमाया
उसी का कर्ज उतारने
ये गरीब मतदान करने आया
अबे तूने ठीक से सुना नहीं होगा
आदरणीय नेताजी ने कहा होगा
तुम्हारा वोट कीमती है
“मत” दान करो
अपना नहीं तो कम से कम
नेता जी पर तो रहम करो
इन सबकी चिंता छोड़
कल की अगर दवा बची हो
तो उसी को निचोड़
इतनी गरीबी में
तू क्यूँ दान करने आया है
तेरी गरीबी पे तरस खाकर
आदरणीय नेताजी ने
किसी धर्मात्मा से
तेरा मत दान कराया है !! जय हो !!
मतदाता को देख कर, पाल ना कोई भ्रम..
जवाब देंहटाएंकई दिवस से नहिं किया, इसने कोई श्रम...
इसने कोई श्रम, मटन मुर्गा सब पचाया..
दारु खूब डकार, माल हर दल से खाया..
कह मनोज मौका मिला, जी भर करो वसूल..
वोट पर देना भले को, यहाँ ना करना भूल........ (मनोज)
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएं--
गणतन्त्रदिवस की पूर्ववेला पर हार्दिक शुभकामनाएँ!
--
आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा आज के चर्चा मंच पर भी की गई है!
सूचनार्थ!
तू क्यूँ दान करने आया है
जवाब देंहटाएंतेरी गरीबी पे तरस खाकर
आदरणीय नेताजी ने
किसी धर्मात्मा से
तेरा मत दान कराया है !! जय हो !!बिलकुल सही चित्रण किया है ,याथर्थ बताती हुई सार्थक पोस्ट /बधाई आप को /मेरे ब्लॉग पर पधारें /लिंक है /
http://www.prernaargal.blogspot.com/ आभार /