शुक्रवार, अगस्त 19, 2011

== लोकल जनलोकपाल बिल ==

अन्ना के आमरण अनशन के स्टाईल ह मोला भा गे
मोर दिमाग में घला एक नानकुन आईडिया ह आ गे
सोचत हूँ मोर बाई के खिलाफ मैं घला आमरण अनशन में बैठ जाहूँ
रात के जब बाई सुत जाही तो छीप छीप के पेट भर भात खाहूँ
वैसन भी मोर तो रोज के अनशन हो जा थे
सुबह ले चढ़ा ले थों तो बिना खाये भी चल जा थे
अब असल बात के तो सीरा गैहों
अनशन के कारण बताय बर भुला गैहों
मैं चाहत हों घर में भी एक लोकल लोकपाल बिल बनाहूँ
जोन मोर जेब ला साफ करथे वो ला एकर दायरा में लाहूँ
जैसन ये बात मोर चिदम्बरम ला पता चलीस
का बताऊँ दाऊ कैसन माथा पीरा गे
एकदम फनफना के दिल्ली पुलिस के रोल में आ गे
मैं चिल्लात रहूँ मोर बाई, मैं बाबा नहीं मैं हों अन्ना
लेकिन वो नई मानीस धर दिस मोर मुँडी में गन्ना पे गन्ना

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