मंत्री ने गुस्से में आकर सरे आम हड़काया
बोले बेवकूफ शर्म नहीं आती है
गुरूजी हो और मुँह से शराब की बदबू आती है
अध्यापक थरथराते हाथ जोड़ कर फरमाया
हुजूर गरीब, हिंदी
माध्यम की शाला से पढ़कर आया है
लेकिन हिंदी के पर्यायवाची शब्दों का अद्भुत ज्ञान पाया है
शराब को सुरा भी कहते हैं क्या आपको भान है
सुरा का वेदों शास्त्रों और पुराणों में भी बखान है
इस अभियान हेतु जो आदेश उच्च कार्यालय से आया
पता नहीं उसमें सुराज के “ज” का कमीशन किसने खाया
और कुछ इस तरह छपा आदेश मुझे तामील कराया
आपकी ग्राम सुरा अभियान में ड्यूटी लगाई जाती
है
इस महती योजना की सारी जवाबदेही आपको सौंपी
जाती है
अपनी पूरी तैयारी के साथ अभियान स्थल पर उपस्थित रहें
वरना एक पक्षीय अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु तैय्यार रहें
शासकीय अनुदान राशि हम तक कहाँ पहुँच पाती
है
स्कूल के छोटे मोटे खर्चे भी जेब से करवाती है
सोचा कार्य के प्रति लापरवाही में निलम्बित
ना हो जाऊँ
इसलिए अच्छा है स्वयं के खर्चे से पूरी तैय्यारी से जाऊँ
सुरा अभियान के बीच में ही नशा उतरने का भय सताया
इसिलिये माईबाप आज डबल पैग लगाकर अभियान में
आया
!! जय हो !!
मस्त है गुरु
जवाब देंहटाएंशुक्रिया हिमांशुजी
जवाब देंहटाएंSundar Pangtiyaan...:)
जवाब देंहटाएं"सुराज" के "ज" को कमीशन में देकर आपने खूब "सुर" लगाया....और ढोल की पोल भी खोली....बहुत अच्छी रचना...रोचक भी
जवाब देंहटाएंभई अन्ना को बुलाओ
जवाब देंहटाएंकजरी को समझाओ
कुछ तो विश्वास जगाओ
आशा की किरण जलाओ
सुरा ही तो है अब मन भूषण
फिर सिद्वि में क्यूं प्रदूषण
ऊ-पर-शान्त है अंदर क्लेश
सब-का-जमीं ये सबका देश
Manoj
जय हो ग्राम सुरा-ज की ....
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